रिलेशनल डेटाबेस क्या है? Relational database के लाभ, हानि और विशेषताएं | RDBMS in Hindi

इन्टरनेट पर आप किसी भी वेबसाइट या एप्प में जो भी डाटा देख रहे हैं वह किसी न किसी डेटाबेस में स्टोर है। डेटाबेस के प्रकार एक नही बल्कि कई सारे हैं और उन्ही में से एक है रिलेशनल डेटाबेस, जिसके बारे में आज हम बात करने वाले हैं।

सन 1970 में IBM के एक कंप्यूटर वैज्ञानिक Edgar F. Codd नाम के व्यक्ति ने relational database का concept पूरी दुनिया के सामने रखा था। तब से यह समय के साथ और भी अधिक लोकप्रिय होता गया है और आज database के तौर पर ज्यादातर relational database model का उपयोग हो रहा है।

आज हम इस आर्टिकल में रिलेशनल डेटाबेस क्या है? इसके क्या लाभ हैं? इसकी क्या विशेषताएं हैं और इसमें क्या कमियां हैं आदि के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे की Traditional डेटाबेस की अपेक्षा Relational डेटाबेस के क्या फायदे हैं? और इसका क्यों उपयोग किया जाता है?

रिलेशनल डेटाबेस क्या है? (What is Relational Database in Hindi?)

रिलेशनल डेटाबेस एक प्रकार का डेटाबेस है जिसमे डाटा को अलग-अलग टेबल के रूप में व्यवस्थित तरीके से रखा जाता है और ये tables एक दुसरे से related होते हैं और जरुरत पड़ने पर आपस में link किये जा सकते हैं।

रिलेशनल डेटाबेस मॉडल की वजह से डाटा को maintain करना और जरुरत पड़ने पर उसे fetch करना बहुत ही आसान हो गया है। हम अलग-अलग टेबल के डाटा के बीच सम्बन्ध स्थापित कर सकते हैं और उन सभी टेबल से डाटा को एक लाइन की query लिखकर आसानी से retrieve कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए हम किसी कंपनी या shop में कस्टमर की जानकारी को डेटाबेस में store करते हैं तो उसके लिए Customer table और Transaction Table नाम के दो टेबल बनाते हैं। जहाँ Customer table में customer_id, Name, Address नाम के कॉलम रहेंगे और Transaction table में customer_id, transaction_date, amount आदि रहेंगे।

reational databse
रिलेशनल डेटाबेस का उदाहरण

अब आप देख सकते हैं की इन दोनों टेबल में customer_id नाम का column मौजूद है और इसी कॉलम के आधार पर दोनों tables के बीच relationship बनाया जा सकता है और दोनों टेबल से काम का डाटा निकाला जा सकता है।

रिलेशनल डेटाबेस के लाभ और हानि

आज के समय में रिलेशनल डेटाबेस (RDB) का उपयोग बहुत ही अधिक हो रहा है और लगभग सभी मॉडर्न DBMS सिस्टम relational database model का आधार पर बनाये गये हैं। इस प्रकार के डेटाबेस मॉडल के कई फायदे तो हैं ही इसके अलावा इसमें कुछ कमियां भी हैं। निचे हम आपको रिलेशनल डेटाबेस के फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

रिलेशनल डेटाबेस के लाभ – Benefits of Relational Database in Hindi

  1. समझना और उपयोग करना आसान है: Relational DB का structure बहुत simple होता है। टेबल में अलग-अलग rows और columns होते हैं जिससे डाटा मैनेज करना आसान होता है। इसे access करने के लिए SQL का उपयोग होता है जो की बहुत ही आसान है।
  2. यह Data Redundancy को कम करता है: रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में हर टेबल में specific data होते हैं और जरुरत पड़ने पर अलग-अलग टेबल को लिंक कर डाटा access किया जा सकता है। इससे डुप्लीकेट डाटा की समस्या नही आती।
  3. डाटा सुरक्षा: एक रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर के पास कुछ विशेष उपयोगकर्ताओं को डेटा एक्सेस देने का अधिकार होता है जो डेटा को सुरक्षित बनाता है। इसे एक्सेस करने के लिए पासवर्ड की जरुरत पड़ती है।
  4. यह Flexible होता है: इस डेटाबेस मॉडल में हम आसानी से जितने चाहें उतने टेबल बना कर इसके आकार को बढ़ा सकते हैं और इन tables को आपस में लिंक कर सकते हैं।
  5. मल्टी यूजर: एक से अधिक उपयोगकर्ता एक ही समय में एक रिलेशनल डेटाबेस को access कर सकते हैं। यहां तक ​​कि अगर डेटा अपडेट किया जाता है, तो भी उपयोगकर्ता उन्हें आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। इसलिए, मल्टी एक्सेस से होने वाली समस्याओं को संभवतः रोका जा सकता है।

रिलेशनल डेटाबेस के नुकसान – Limitations of Relational Database in Hindi

  • इसकी Cost अधिक होती है: RDBMS की setup और रखरखाव काफी महंगा हो सकता है, जो की अक्सर एक छोटे व्यवसाय के बजट के बाहर होता है। Start करने के लिए आपको सॉफ़्टवेयर खरीदने की ज़रूरत पड़ती है और कई मामलों में इसे सेट करने के लिए Structured Query Language या एसक्यूएल में अनुभवी पेशेवर डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर या प्रोग्रामर की जरुरत पड़ती है।
  • Structured Limits: कई रिलेशनल डेटाबेस सिस्टम में डेटा फ़ील्ड की लंबाई को पहले से define किया जाता है। यदि आप किसी field में उसके limit से अधिक जानकारी दर्ज करते हैं तो जानकारी खोने का डर रहता है।
  • Data Loss का खतरा: बड़े organizations अधिक tables के साथ अधिक संख्या में डेटाबेस सिस्टम का उपयोग करते हैं। इन सूचनाओं को एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन ट्रान्सफर के समय जरुरी टेबल के छूट जाने या किसी गलती से डेटा लॉस का खतरा हो सकता है।

रिलेशनल डेटाबेस की विशेषताएं – Relational Database Features in Hindi

  • RDBMS में सारे डाटा table में store किये जाते हैं।
  • यह सुनिश्चित किया जाता है की सभी डाटा rows और columns के form में store किये गये हैं।
  • हर एक row की unique identification के लिए primary key का concept use किया जाता है।
  • Foreign key की मदद से दो अलग-अलग table को जोड़कर डाटा निकाला जा सकता है।
  • Validation rules की मदद से हम यह define कर सकते हैं की कौन से कॉलम में किस type का data enter किया जा सकता है जैसे: number, text, date आदि।
  • Normalization process की मदद से डाटा को बिना redundancy के डेटाबेस में organize किया जा सकता है।
  • Index create करके data retrieving की speed को बढ़ा सकते हैं।
  • Virtual table की मदद से हम queries को simplify कर सकते हैं।

RDBMS क्या है? (Relational Database Management System in Hindi)

RDBMS यानि Relational Database Management System एक प्रकार का सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम है जो की यूजर, एप्लीकेशन और डेटाबेस के बीच माध्यम (interface) का काम करता है

RDBMS की मदद से हम डेटाबेस पर create, update, delete, और data retrieve जैसे operation को perform कर पाते हैं और डेटाबेस में डाटा को मैनेज कर पाते हैं

Database पर इन operations को perform करने के लिए ज्यादातर RDBMS systems द्वारा SQL programming का उपयोग किया जाता है और हर operation के लिए अलग-अलग तरह से queries लिखे जाते हैं

ज्यादातर RDBMS systems सुरक्षित तरीके से transaction को या किसी भी task को perform करने के लिए ACID properties को follow करती हैं

ACID properties क्या है इसकी संक्षिप जानकारी कुछ इस प्रकार है:

  1. Atomicity: इसके अनुसार यदि transaction के दौरान कोई भी operation fail हो जाता है तो पूरा transaction fail हो जाता है और डेटाबेस पर कोई भी changes नही होते।
  2. Consistency: डेटाबेस में उपस्थित डेटा पर किसी भी transaction का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होना चाहिए। यदि operation perform होने से पहले डेटाबेस एक consistent state में था, तो उसे operation के बाद भी consistent रहना चाहिए।
  3. Isolation: सारे transactions अपने-आप में अलग होते हैं।
  4. Durability: एक बार कोई काम सफलतापूर्वक पूरा हो जाने के बाद, डेटाबेस में किए गए परिवर्तन स्थायी होने चाहिए, अगर कोई system failure भी हो जाए तो भी इसमें बदलाव नही होने चाहिए।

Relational Database और RDBMS के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं

Traditional डेटाबेस की अपेक्षा Relational डेटाबेस के क्या फायदे हैं

ट्रेडिशनल डेटाबेस एक साधारण डेटाबेस होता है जिसमे डाटा को एक फाइल के अंदर स्टोर करके रखा जाता है इसमें हम डेटा के बीच सम्बन्ध (relationship) स्थापित नही कर पाते हैं

आइये जानते हैं की ट्रेडिशनल डेटाबेस और रिलेशनल डेटाबेस में क्या अंतर हैं और ट्रेडिशनल डेटाबेस की अपेक्षा रिलेशनल डेटाबेस का क्यों उपयोग किया जाता है:

  • ट्रेडिशनल डेटाबेस में डाटा फाइल के रूप में और रिलेशनल डेटाबेस (RDBMS) में डाटा एक टेबल के format में स्टोर किया जाता है।
  • RDBMS में अलग-अलग डाटा टेबल के बीच relationship बनाकर डाटा को retrieve किया जा सकता है जबकि traditional db में यह सम्भव नही है।
  • ट्रेडिशनल डेटाबेस का उपयोग छोटे डेटाबेस और सीमित डाटा के लिए किया जा सकता है लेकिन बड़े डेटाबेस के लिए यह उपयोगी नही है।
  • ट्रेडिशनल डेटाबेस में data redundancy (डाटा का दोहराव) की सम्भावनाएं होती हैं जबकि रिलेशनल DB में ऐसा नही होता।
  • ट्रेडिशनल डेटाबेस single user को support करता है जबकि relational DB को multiple user access कर सकते हैं।
  • Relational DB की तुलना में traditional database system में data retrieval की स्पीड slow होती है।
  • RDBMS में डाटा अधिक सुरक्षित होता है।

इन सभी पॉइंट्स से आपको समझ आ गया होगा की आखिर ट्रेडिशनल डेटाबेस की जगह RDBMS का क्यों अधिक उपयोग होता है।

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Vivek Vaishnav
Vivek Vaishnav

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