प्रॉक्सी सर्वर क्या है? इसका क्या उपयोग है? पूरी जानकारी – Proxy Server in Hindi

क्या आपके स्कूल, कॉलेज या ऑफिस में किसी वेबसाइट को ब्लॉक किया गया है? अगर हाँ तो आप उसे प्रॉक्सी के माध्यम से बड़ी आसानी से खोल सकते हैं।

हालांकि हम आपको ऐसा करने का सुझाव तो नही देते लेकिन आज हम आपको यह जरुर बताएँगे की प्रॉक्सी सर्वर क्या है? यह किस काम आता है? इसके कितने प्रकार होते हैं?

साथ ही हम आपको यह भी बताएँगे की इसके उपयोग से आपको क्या फायदे और क्या नुकसान हो सकते  हैं।

प्रॉक्सी सर्वर क्या है? (What is Proxy Server in Hindi?)

प्रॉक्सी सर्वर क्या है इसका कैसे उपयोग करें पूरी जानकारी - Proxy Server in Hindi

आपने प्रॉक्सी वोटिंग का नाम जरूर सुना होगा जिसमे चुनाव के समय यदि कोई व्यक्ति उपस्थित न हो तो वह अपना वोट अपने परिवार के किसी दुसरे सदस्य द्वारा डाल सकता है।

हम इन्टरनेट पर मौजूद किसी वेबसाइट को देखने के लिए भी ठीक ऐसा ही कर सकते हैं।

हम website को अपने computer system पर देख तो सकते हैं लेकिन वेबसाइट के server से connect होने वाला system कोई और ही होता है जिसे proxy server कहा जाता है।  

हम किसी website को सीधे अपने कंप्यूटर से access न कर के किसी proxy server के द्वारा access कर सकते हैं। यहाँ पर प्रॉक्सी सर्वर user और website के server के बीच एक माध्यम या प्रतिनिधि का काम करता है।

proxy kya hai

जब आप कोई request send करते हैं तो वह proxy server से होते हुए वेबसाइट तक पहुँचता है और वेबसाइट की तरफ से किसी प्रकार का response या content प्रॉक्सी सर्वर से होते हुए आपके कंप्यूटर तक पहुँचता है।  

अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की यदि प्रॉक्सी का यही काम है तो हम इसका उपयोग क्यों करते हैं? हम सीधे अपने कंप्यूटर से वेबसाइट को एक्सेस क्यों नही कर लेते?  

दरअसल प्रॉक्सी का काम सिर्फ यही नही है इसके अलावा यह security और network performance से जुड़े और भी कई सारी सुविधाएँ प्रदान करता है जिनके बारे में आप नीचे पढ़ेंगे।

प्रॉक्सी सर्वर कैसे काम करता है? (How Proxy Server works in Hindi?)

जैसा की आप जानते हैं की इंटरनेट से जुड़े सभी computers के अपने-अपने unique IP address होते हैं जो की उन computers का identification बताते हैं और इसी आईपी एड्रेस के जरिये ही इन्टरनेट को पता चलता है की कौनसा कंप्यूटर किस location पर है ताकि सही data सही computer तक पहुँचाया जा सके।  

Proxy server भी एक प्रकार का computer होता है और इसका भी एक unique IP address होता है। आपको जब कोई resource (जैसे कोई वेबसाइट या फाइल) चाहिए होता है तो उसके लिए आपका कंप्यूटर सबसे पहले proxy server को request (http, https, ftp) भेजता है।  

प्रॉक्सी सर्वर को request मिलते ही वह आपके लिए वही request उस destination server को भेज देता है जहाँ पर वह resource (website या file) store रहता है।

आपके कंप्यूटर और सर्वर के बीच सीधे तौर पर कोई communication नही होता इसलिए सर्वर को आपकी IP का पता नही चल पता इससे आपके सिस्टम की पहचान छुप जाती है।

प्रॉक्सी सर्वर का क्या उपयोग है? (Use of Proxy Server in Hindi)

Proxy का उपयोग ज्यादातर security reason से अपना IP address hide करने के लिए किया जाता है इसके अलावा किसी blocked website को access करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

चलिए अब विस्तार से जानते हैं की आखिर प्रॉक्सी सर्वर का क्या काम होता है और इसका क्यों उपयोग किया जाता है:

  • इंटरनेट की स्पीड बढाने के लिए: किसी organization में एक अच्छा proxy server लगा कर network performance को increase किया जा सकता है। प्रॉक्सी सर्वर किसी वेबसाइट या फाइल को अपने cache memory में store कर लेता है इससे जब भी आप उस website को देखना चाहें तो वह सीधे प्रॉक्सी सर्वर के local storage से आप तक पहुँच सकता है यानी वेबसाइट के server को request भेजने की जरूरत नही पड़ेगी, इससे समय और bandwidth की बचत होगी। 
  • आईपी एड्रेस को छिपाने के लिए: यदि आप किसी वेबसाइट को सीधे अपने computer से access करते हैं वह सर्वर जहाँ उस website को host किया गया है उस तक आपका IP address पहुँच जाता है जिससे आपके location के अलावा आपके बारे में कुछ अन्य personal जानकारियाँ जुटाई जा सकती हैं। लेकिन आप procy की मदद से अपनी IP और अन्य identiy छिपा सकते हैं।
  • मोनिटरिंग के लिए: आप अपने ऑफिस में प्रॉक्सी सर्वर लगा कर उसकी मदद अपने employee द्वारा इन्टरनेट उपयोग पर नजर रख सकते हैं इसके अलावा अभिभावक अपने घर में इसे लगाकर यह पता लगा सकते हैं की उनके बच्चे कौन-कौन सी website पर visit करते हैं।
  • ब्लॉक किये गये वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए: आपने देखा होगा की आपके स्कूल, कॉलेज, या ऑफिस के computer में कुछ restrictions लगे होते हैं जिससे आप इन्टरनेट पर कुछ चीजों को देख नही पाते हैं इसके अलावा geographic location या country के अनुसार कंपनी या सरकार द्वारा भी कई websites पर ban लगे होते हैं इन सारी security restrictions और filters को bypass करने के लिए proxy का use किया जा सकता है।
  • सिस्टम की सुरक्षा बढाने के लिए:  किसी भी organization के लिए अपने server hack होने और data loss होने खतरा हमेशा बना रहता है। इस मामले में proxy काफी हद तक कुछ benefit provide करता है। आप अपने प्रॉक्सी सर्वर को configure करके client और server के साथ हो रहे communication को encrypt कर सकते हैं जिससे कोई third party उसे read न कर सके। आप malicious websites को block भी कर सकते हैं। Proxy server आपके सर्वर और outside traffic के बीच एक extra security layer जोड़ देता है। Hackers आपकी प्रॉक्सी सर्वर तक पहुँच तो सकते हैं लेकिन आपके actual server जहाँ सारा data store है वहां पहुँचने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि प्रॉक्सी सर्वर लगा लेने और IP बदल लेने से ही आपका system हैक होने से पूरी तरह बचा रहेगा यह मुमकिन नही है लेकिन प्रॉक्सी से आप कुछ हद तक सुरक्षा तो बढ़ा ही सकते हैं।

प्रॉक्सी सर्वर कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Proxy Server in Hindi)

  1. Forward Proxy: यह client के request को target server में forward कर देता है जिससे दोनों के बीच communication हो सके। यहाँ पर client proxy sever को यह specify करता है की उसे कौन सा resource चाहिए और इस रिक्वेस्ट को प्रॉक्सी उस टारगेट सर्वर तक पहुँचा देता है जहाँ वह resource उपलब्ध होता है। 
  2. Open Proxy: Open proxy भी एक प्रकार का forwarding proxy होता है जो की publicly available होता है जिससे कोई भी internet user अपना ip hide करके anonymous browsing कर सकता है। नीचे open proxy के कुछ प्रकार दिए गये हैं:
    1. Anonymous Proxy: यह simply client के IP को छिपा देता है ताकि टारगेट सर्वर को client के origin के बारे में पता न चल सके। लेकिन इससे target server को proxy की identiy मिल जाती है।
    2. Distorting Proxy: यह website को अपनी identity तो बताता है लेकिन client के लिए false IP address pass करता है।
    3. High Anonymity Proxy: इस प्रकार की प्रॉक्सी को track कर पाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि यह वेबसाइट को न तो अपनी identity देता है और न ही client की IP pass करता है और बार-बार IP बदलता रहता है। यह इन्टरनेट पर अपनी पहचान छिपाने का सबसे सुरक्षित तरीका है इसका एक उदाहरण TOR network है।
  3. Reverse Proxy: यह ऊपर दिए गये सभी proxies से उल्टा होता है यहाँ पर client को यह पता नही होता की वह proxy से communicate कर रहा है उसे लगता है की वह सीधे actual server से contect कर रहा है जबकि सारे request और response proxy से हो कर गुजरते हैं। इसका उपयोग बड़ी-बड़ी companies जैसे की Google आदि द्वारा अपने server की security improve करने, load को कम करने, और speed बढ़ाने के लिए किया जाता है।

प्रॉक्सी सर्वर से क्या खतरा हो सकता है? (Risks of Proxy Server in Hindi)

प्रॉक्सी का उपयोग करके आप अपनी पहचान छिपाकर इन्टरनेट पर घूम-फिर सकते हैं और कई तरह के फायदे ले सकते हैं।

लेकिन ध्यान रहे आप जिस प्रॉक्सी सर्वर का उपयोग कर रहें हैं उसके पास आपके सारे information हो सकते हैं इसलिए इसके उपयोग से आपको कई प्रकार के खतरे का भी सामना करना पड़ सकता है।

आपका connection सुरक्षित है या नही यह निर्भर करता है की आपका प्रॉक्सी सर्वर किस प्रकार से configure किया गया है और उसे कौन monitor कर रहा है। इसके उपयोग से आपको क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं इस बारे में हमने नीचे बताने की कोशिश की है:

  • Data चोरी होने का खतरा: आप किसी वेबसाइट को अपना data दे रहें हैं तो यह डाटा आपके device और website के सर्वर के बीच मौजूद proxy server से हो कर गुजरेगा इस data में आपके sensitive information जैसे user name और password भी हो सकते हैं। ऐसे में यदि आप किसी गलत proxy का चुनाव करते हैं तो आप समझ सकते हैं की आपको कितना नुकसान हो सकता है।
  • Spam और virus attack का खतरा: ऐसा भी हो सकता है जब आप प्रॉक्सी सर्वर से जुड़ें तो आपके screen पर कई सारे ads दिखाई दें कई बार पैसे कमाने के लिए ये proxy servers आपके system में spam और viraus program भी install करने की कोशिश कर सकते हैं।    
  • Identity Theft: आप अपनी identity छिपा कर internet पर मौजूद किसी भी वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं यदि दुसरे शब्दों में कहें तो आप अपने system की IP के बजाय किसी दुसरे की IP address use कर रहे होते हैं। लेकिन आपकी IP और अन्य identity के बारे में उस प्रॉक्सी को पता होता है। जिस प्रकार आप किसी दुसरे की IP use कर रहे होते हैं ठीक ऐसे ही यदि आपकी identity का उपयोग इंटरनेट पर किसी illegal activity के लिए किया जाय तो इससे आपको काफी परेशानी हो सकती है।

प्रॉक्सी सर्वर का कैसे उपयोग करें? (How to use Proxy Server in Hindi?)

चलिए अब जानते हैं की यदि आपको प्रॉक्सी सर्वर से अपने system को connect करना है तो इसके लिए क्या करना होगा।

Anonymous browing के लिए आप नीचे दिए गये दो आसान तरीकों से proxy server का उपयोग कर सकते हैं:

1. Web based proxy का उपयोग करके:

यह सबसे आसान तरीका होता है, इसमें आपको किसी proxy website का उपयोग करना होता है।

इसके लिए सबसे पहले Google में “Best free online proxy” लिखकर सर्च करें आपको ऐसे कई वेबसाइट मिलेंगे जो मुफ्त में प्रॉक्सी की सुविधा प्रदान करते हैं।   यह बहुत ही आसान तरीका होता है की आप किसी proxy website का उपयोग करें जहाँ पर सिर्फ आपको एक textbox में उस website का address डालना होता है जिसे आप visit करना चाहते हैं।   उदाहरण के लिए आप नीचे एक screenshot देख सकते हैं:

Free proxy website

2. Web browser का उपयोग करके:

इस method में आप अपने ब्राउज़र का उपयोग करते हैं लेकिन यहाँ पर आपको किसी भी प्रॉक्सी सर्वर से कनेक्ट होने के लिए आपको सबसे पहले उसकी IP address और port number की जानकारी होनी चाहिए इसके लिए आप गूगल में सर्च कर सकते हैं।

IP और port मिलने के बाद आप अपने browser की setting में जाएँ और नीचे दिए गये तरीके से proxy setting को configure करें।

Google Chrome में proxy कैसे use करें?

  • सबसे पहले आप settings में जाएँ 
  • “Advanced” पर क्लिक करें
  • नीचे स्क्रॉल करें और “System” वाले section में जाएँ 
  • “Open proxy settings” पर click करें 
  • “LAN Settings” के button को दबाएँ 
  • “Use a proxy server for your LAN” के checkbox को enable करें
  • Address में proxy का IP address और port वाले बॉक्स में port number डालें
  • Save करके Apply करें
  • अब आप Google Chrome में anonymous browsing कर सकते हैं 

Firefox में proxy कैसे use करें?

  • Options (Windows) या Preference (Mac) में जाएँ 
  • “Advanced” पर click करें 
  • “Network” tab में जाएँ 
  • “Connection” section में जाकर “Settings” पर क्लिक करें 
  • “Manual Proxy Configuration” को select करें 
  • अब proxy का address और port number enter करें 
  • “Use this proxy server for all server protocols” को enable करें 
  • सेटिंग को save करें 

Conclusion – Proxy in Hindi

जैसा की आपने ऊपर पढ़ा की proxy server के कई सारे फायदे हैं लेकिन इसके कुछ disadvantages भी हैं लेकिन ऐसा भी नही है की सारे प्रॉक्सी में ऊपर दिए गये सारे फायदे या नुकसान हो यह निर्भर करता है उसके configuration और administrator पर।

किसी भी प्रॉक्सी सर्वर का उपयोग करने से पहले आपको उसकी सारी जानकारियाँ होनी चाहिए, आपको यह पता होना चाहिए की उस पर trust किया जा सकता है या नही।

हमारी आपसे यही सलाह है की किसी भी public proxy का उपयोग करते समय सावधानी से काम लें और अपने sensitive information जैसे user name, password, credit card detail आदि provide न करें।

हमें उम्मीद है आपको Proxy server in Hindi की यह जानकारियाँ पसंद आई होंगी। ऐसे ही और भी जानकारियों के लिए आप हमारी इस वेबसाइट WebinHindi पर आते रहें। आप नीचे comment box में अपने विचार या सुझाव भी रख सकते हैं।  

Vivek Vaishnav
Vivek Vaishnav

नमस्कार, मैं विवेक, WebInHindi का founder हूँ। इस ब्लॉग से आप वेब डिजाईन, वेब डेवलपमेंट, Blogging से जुड़े जानकारियां और tutorials प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आये तो आप हमें social media पर follow कर हमारा सहयोग कर सकते हैं|

9 Comments

  1. hlo sir,
    sir muze aapka ye artical bhut achha lga or aapne eske ander vo sbi jankari de rkhi h jo m dudne aaya tha.
    ab meri aapse bs aek request h ki aap cookies sniffing pr aek pura artical bnaoo or btaoo ki cookies sniffing kese krte h
    es topic ko mene sbi jgh dund liya pr abi tk kisi ne ye nhi btaya ki ye krte kese h
    or jo youtube pr jo method h vo ab kaam nhi krta h
    thanks.

  2. thanks for your incredible information sir i want to know about hacking field is proxy knowledge can be helpful?

    • बिलकुल, हैकिंग के फील्ड में प्रॉक्सी की जानकारी जरुरी है

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