इंटरनेट क्या है? यह कैसे काम करता है? What is Internet in Hindi?

हम इन्टरनेट पर घंटो समय बिताते हैं, सुबह से लेकर रात तक हम इन्टरनेट से जुड़े रहते हैं, इंटरनेट के बिना मानो जिंदगी अधूरी है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आखिर इंटरनेट क्या है? (What is internet in Hindi) इसका इतिहास क्या है? भारत में इसकी शुरुआत कब हुई? आखिर इंटरनेट कैसे काम करता है? ये सवाल सुनने में तो बहुत ही बेसिक और सरल से लगते हैं लेकिन इनके जवाब हर किसी के पास नही होते।

इसलिए आज हम इस article में internet का मतलब हिंदी में (meaning of internet in Hindi) बताने वाले हैं इसके अलावा internet की history, फायदे और नुकसान से लेकर हर उन चीजों के बारे में बताएँगे जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए। इसलिए निचे दिए गये पूरा जरुर पढ़ें।

आप इन जानकारियों का उपयोग अपने स्कूल के लिए इन्टरनेट पर निबन्ध लिखने के लिए भी कर सकते हैं।

Internet क्या है? इंटरनेट की परिभाषा (What is internet in Hindi)

Internet kya hai? What is internet in Hindi

इन्टरनेट एक ग्लोबल नेटवर्क है जो की कई सारे computers और electronic devices को एक दुसरे से जोड़ता है। Internet से जुड़े दुनिया के किसी भी जगह में स्थित computers एक दुसरे के साथ बड़ी आसानी से data का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

इन्टरनेट पर कंप्यूटर, मोबाइल, स्मार्ट टीवी, गेमिंग कंसोल जैसे कई सारे devices telephone line, cables, fiber optics जैसे wired connection के अलावा wireless network के जरिये भी जुड़े होते हैं। इंटरनेट आज की दुनिया का एक बेहतरीन संचार साधन है जो की अलग-अलग प्रकार के संचार उपकरणों को चलाने में मदद करता है।

जब दो या दो से अधिक computers आपस में जुड़ते हैं तो उसे एक network कहते हैं। इसी तरह प्राइवेट, पब्लिक, स्कूल, कॉलेज, बिज़नस, गवर्नमेंट जैसे कई सारे छोटे-बड़े networks होते हैं और इन networks को internet आपस में जोड़ने का काम करता है इसलिए इन्टरनेट को network of networks भी कहा जाता है।

इंटरनेट का इतिहास हिंदी में

  • 1957 में रूस ने दुनिया का पहला artificial सैटेलाईट Sputnik को सफलतापूर्वक launch कर दिया। Cold war के समय में इस घटना ने एक हलचल सी पैदा कर दी।
  • इसके बाद US ने Massachusetts Institute of Technology (MIT) के साथ मिलकर युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए Advanced Research Project Agency (ARPA) की स्थापना की (जिसे अब DARPA के नाम से जाना जाता है)
  • DARPA ने रिसर्च करके ARPAnet नामक एक communication system बनाया ताकि US की सेना गुप्त रूप से एक जगह से दुसरे जगह सन्देश भेज सकें।
  • Vint Cerf और Robert E. Kahn ने DARPA के लिए TCP/IP protocol बनाया। आपकी जानकारी के लिए बता दें की Vint Cerf और Rober E. Kahn को इंटरनेट का अविष्कारक कहा जाता है
  • 1980 के दौरान National Science Foundation (NSF) ने education और research के लिए NSFnet नाम का एक network बनाया जिसे बाद में ARPAnet के साथ जोड़ दिया गया और इस नेटवर्क को Internet नाम दिया।
  • 1980 के समय में ही Tim Berners-Lee ने WWW (World Wide Web) पर रिसर्च करना शुरू किया और उन्होंने information share करने के लिए HTML (HyperText Markup Language) बनाया।
  • शुरुआत में इन्टरनेट एक तरह का private network था जिसने बाद में धीरे-धीरे एक विशाल नेटवर्क का रूप ले लिया और आज दुनिया के लगभग देश में इन्टरनेट उपलब्ध है।

भारत में इन्टरनेट की शुरुआत कब हुई?

  • India में इन्टरनेट की शुरुआत सन 1986 में हुई। सबसे पहले Department of Electronics (DoE) ने सरकार की सहायता से ERNET (Educational Research Network) की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा और शोध के लिए क्षात्रों जरुरी जानकारियाँ उपलब्ध कराना था।
  • शुरुआत में IISc (Indian Institute of Science) बैंगलोर, पांच IITs (Indian Institutes of Technology) दिल्ली, मुंबई, कानपुर, खड़गपुर और मद्रास जैसे बड़े-बड़े संस्थानों जो इससे जोड़ा गया।
  • 14 अगस्त 1995 को उस समय की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने इंटरनेट को आम नागरिकों के लिए लांच किया।
  • दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलौर जैसे बड़े शहर के लोग dial-up connection के जरिये internet access कर सकते थे।
  • इसकी स्पीड 9.6 kbit/s और हर 250 घंटे के लिए $160 चार्ज किया जाता था।
  • शुरुआत में कई तरह के hardware और network issues आने लगे थे लेकिन इसके बावजूद VSNL internet लांच होने के सिर्फ 6 महीने में 10,000 subscribers जुड़ चुके थे।
  • 1 अक्टूबर 2000 को BSNL की स्थापना हुई।
  • सन 2004 में सरकार ने broadband policy बनायीं जिसके अनुसार ब्रॉडबैंड की डाउनलोड स्पीड 256 kbit/s या उससे अधिक होनी चाहिए।
  • सन 2005 के बाद से ब्रॉडबैंड इंडस्ट्री का बहुत तेजी से विकास होने लगा लेकिन इसके wire-line technology होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
  • लेकिन यह समस्या भी दूर हो गयी जब सरकार ने 3G और 4G spectrum की नीलामी शुरू कर दी और फिर wireless broadband की शुरुआत हो गयी।
  • भारत में पहली बार 10 अप्रैल 2012 को Airtel ने 4G service की शुरुआत कर दी उसके बाद दूसरी private टेलिकॉम कंपनियों ने भी इसी रास्ते पर चलना शुरू कर दिया।
  • 5 सितम्बर 2016 को मुकेश अम्बानी ने रिलायंस जिओ को लांच करके देशभर के टेलिकॉम कंपनियों को एक बड़ी टक्कर दे दी।
  • Reliance Jio ने 2G, 3G छोड़कर सिर्फ 4G service पर ध्यान देने लगी। 
  • जिओ ने अपने ग्राहकों को 6 महीने मुफ्त high speed 4G इन्टरनेट देना शुरू कर दिया इस अनोखे ऑफर का लाभ उठाने के लिए लोगों होड़ लग गयी और सिर्फ एक ही महीने में जियो ने 16 million subscribers बना कर एक इतिहास रच दिया।
  • रिलायंस जियो का telecom industry पर ऐसा असर हुआ की देश की दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी telecom company Vodafone और Idea Cellular को merge होना पड़ गया और competition इतना बढ़ गया की दुसरे operators को भी अपने data charges बहुत कम करने पड़ गये।
  • आज दुनियाभर में भारत इंटरनेट उपयोग करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

इन्टरनेट का मालिक कौन है?

इस सवाल का जवाब थोडा मुश्किल हो सकता है एक तरह से देखें तो इन्टरनेट एक विशाल नेटवर्क है जोकि कई सारे नेटवर्क और infrastructure से मिलकर बना है ऐसे में किसी एक व्यक्ति या संस्था इन सब का मालिक हो ऐसा संभव नही है।

अगर दुसरे तरीके से देखें तो इसके कई सारे मालिक हो सकते हैं क्योंकि इन्टरनेट को चलाने के लिए कई सारी चीजों जैसे optical cable, ip address, domain name, router, internet tower जैसे कई सारी चीजों की जरुरत होती है और इन चीजों के मालिक अलग-अलग लोग हो सकते हैं।

ऐसी कई सारी organizations हैं जो internet के कई सारे standards को निर्धारित करते हैं लेकिन पूरे इन्टरनेट पर उनका भी अधिकार नही है। कोई एक कंपनी या किसी एक देश की सरकार इंटरनेट पर अधिकार का दावा नही कर सकता।

Internet कैसे काम करता है? (How internet works in Hindi)

इन्टरनेट कैसे काम करता है यह समझने से पहले आपको web की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। सबसे पहले हम यह समझने की कोशिश करते हैं की आखिर internet पर data transmission कैसे होता है यानी की इन्टरनेट पर सूचनाएं एक स्थान से दुसरे स्थान कैसे पहुँचती हैं?

यदि हम Google की वेबसाइट को अपने कंप्यूटर पर खोलना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में हमारा कंप्यूटर एक client की तरह काम करेगा वहीँ जो कंप्यूटर Google उपयोग कर रहा हो यानी जिस system में गूगल वेबसाइट का data store हो वह सिस्टम सर्वर की तरह काम करेगा।

जब हम web browser पर google.com डाल कर enter करेंगे तब हमारा कंप्यूटर यानी client गूगल के सर्वर को request send करेगी।

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इन्टरनेट पर भेजे गए request या messages एक साथ send नही होते, इन्हें अलग-अलग हिस्सों में बाँट दिया जाता है जिसे packets कहा जाता है फिर इन पैकेट्स को network के जरिये destination तक पहुँचाया जाता है और पहुँचने पर इन्हें फिर से जोड़ लिया जाता है।

अब आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा की एक ही समय में करोड़ों लोग इन्टरनेट access कर रहें होते हैं इसका मतलब network में अनगिनत packets travel कर रहें होते हैं ऐसे में इन packets को कैसे पता चलता है की उन्हें जाना कहाँ?

इसके लिए IP address का उपयोग किया जाता है जो की internet से जुड़े हर device के लिए unique होता है और इससे उस device का address पता चल जाता है।

चलिए अब step by step तरीके से समझते हैं की आखिर इंटरनेट कैसे काम करता है:

  1. आप browser के address bar में किसी वेबसाइट का address type करते हैं या किसी hyperlink पर click करते हैं।
  2. आपका ब्राउज़र URL से यह पता करता है की कौनसा protocol use हो रहा है यदि URL के शुरुआत में http:// लगा हो तो HTTP protocol का उपयोग होगा वहीं ftp:// हो तो FTP protocol का use किया जाएगा।
  3. ब्राउज़र आपके ISP server (Internet Service Provider) को request send करता है।
  4. ISP के पास DNS का database होता है जिसमे domain name और उसके IP address की जानकारी होती है।
  5. IP मिलने के बाद वेबसाइट के सर्वर का address पता चल जाता है और web page के लिए उस सर्वर को request send कर दिया जाता है।
  6. Server आपके ISP को वह page send कर देता है।
  7. आपका ISP उस पेज को आपके ब्राउज़र पर सेंड करता है और वेब पेज आपके स्क्रीन पर दिखाई देने लगता है।

इंटरनेट का उपयोग (Use of internet in Hindi)

आज के दौर में इन्टरनेट हमारी ज़िन्दगी का एक हिस्सा बन चुकी है। आज लगभग हर ऑफिस, बैंक, स्कूल, कॉलेज आदि किसी न किसी तरीके से इंटरनेट से जुड़ चुके हैं। चलिए देखते हैं की हम internet का किस-किस तरीके से उपयोग कर सकते हैं:

  • ईमेल
  • सोशल नेटवर्किंग जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि 
  • रिसर्च करना 
  • ई-बुक्स और ऑनलाइन मैगज़ीन 
  • समाचार 
  • ऑनलाइन बैंकिंग
  • ई-कॉमर्स 
  • टिकट बुकिंग
  • फाइल डाउनलोड करना 
  • ऑनलाइन गेम खेलना
  • ऑनलाइन विडियो और मूवीज देखना 
  • जॉब सर्च करना 
  • फ्रीलांसिंग
  • ऑनलाइन पढाई

इंटरनेट के फायदे

अगर हम इंटरनेट के लाभ की बात करें तो इसके कई सारे फायदे हैं जिनमे से कुछ पॉइंट्स हमने नीचे लिखा हुआ है:

  • सूचनाओं का भंडार: इंटरनेट अनगिनत जानकारियों और सूचनाओं का भंडार है।
  • हमेशा उपलब्ध: चाहे दिन हो या रात 24 घंटे 365 दिन यह हमेशा उपलब्ध रहता है।
  • सबसे तेज़: सूचनाओं के आदान-प्रदान का सबसे तेज़ और बेहतरीन माध्यम है। 
  • सरल और किफायती माध्यम: इन्टरनेट आपके कारोबार को लोकल से ग्लोबल स्तर तक पहुचाने के लिए सबसेसरल और किफायती माध्यम है इससे आप देश-विदेश तक अपने बिज़नस को पंहुचा सकते हैं।
  • उपयोग करना आसान है: इंटरनेट ने कई सारे काम को आसान बना दिया है – अब हमें रेलवे स्टेशन पर लम्बी-लम्बी कतारों में खड़ा नही होना पड़ता हम ऑनलाइन टिकट बुकिंगकर सकते हैं ठीक इसी तरह हमें दुकानों में जाकर खरीदारी करनी नही पड़ती अब ऑनलाइन शौपिंग का ज़माना है।
  • ऑनलाइन शिक्षा: आप घर बैठे बड़े-बड़े संस्थान के प्रोफेसरों और experts से ऑनलाइन शिक्षा भी ग्रहण कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन मीटिंग: आप अपने सहकर्मियों और कर्मचारियों से ऑनलाइन मीटिंग कर सकते हैं इससे समय की बचत होगी और productivity बढ़ेगी।
  • ऑनलाइन पैसा: आप घर बैठे ऑनलाइन काम करके पैसे भी कमा सकते हैं।

इंटरनेट से हानि

  • सेहत पर असर: दिन भर कंप्यूटर और मोबाइल पर लगे रहने से आजकल इसका सेहत पर असर देखने को मिल रहा है।
  • वायरस और मैलवेयर: कभी-कभी हम किसी ऐसे वेबसाइट पर चले जाते हैं जहाँ से कुछ वायरस या मैलवेयर अपनेआप डाउनलोड हो जाते हैं जो की हमारे कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप आदि को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
  • हैकिंग का खतरा: अगर आपका computer हैक हो जाए तो आपको बहुत नुकसान हो सकता है आपके सारे डाटा चोरी हो सकते हैं और उनका गलत तरीके से उपयोग हो सकता है।
  • धोखे का शिकार होना:  कई सारे websites real नही होते लेकिन देखने में एकदम असली लगते हैं ऐसे में यदि इन्हें गलती से अपना account details दे दियें जाएँ तो ये आपके खाते से पैसे उड़ा सकते हैं।
  • डार्क वेब: आपको जानकर हैरानी होगी की हम इन्टरनेट पर उपलब्ध वेबसाइट में से केवल 5% का उपयोग करते हैं जबकि बाकी के 95% हिस्से से हम अनजान हैं जो की कई तरह के गलत काम जैसे ड्रग्स, हथियार बेचने जैसे गैरकानूनी काम किये जाते हैं इस हिस्से को डार्क वेब कहते हैं।
  • अफवाह और झूठी खबरें: आपने social media पर ऐसे कई सारी खबरों को पढ़ा होगा जिनका   सच से कोई लेना देना नही होता लेकिन फिर भी ये बड़ी तेज़ी से viral होते हैं इस तरह की झूठी और भड़काऊ खबरों से लोगों की सोच को प्रभावित करता है जो की एक तरह से बहुत बड़ा खतरा है।
  • समय और पैसे की बर्बादी: अगर इंटरनेट का सही तरीके से उपयोग नही किया जाय समय और पैसे दोनों की बर्बादी होना तय है। 

आगे पढ़ें:

हमें उम्मीद है आपको इंटरनेट क्या है? यह जानकारी (What is internet in Hindi) पसंद आई होगी यदि आप इस विषय (Internet information in Hindi) पर अपने विचार रखना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स का जरूर उपयोग करें। अगर आप Internet kya hai? इन्टरनेट पर निबंध लिख रहे हैं तो हमें उम्मीद है की ये जानकारियाँ आपकी मदद करेंगी।

Vivek Vaishnav
Vivek Vaishnav

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10 Comments

  1. आजकल इन्टरनेट तो तोहर जगह पर मोजुद हैं यह कई सारे उपकरणों और कम्पयुटर का एक वैश्र्विक नेटर्वक है इन्टरनेट पर लगभग हर जानकारी को पर्याप्त किया जा सकता है

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