Web Application क्या है? वेबसाइट और वेब एप्लीकेशन में क्या अंतर है?

वेब एप्लीकेशन क्या है? (what is web application in Hindi?),क्या आपके मन में भी ये सवाल आ रहा है? अगर हाँ, तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। यहाँ पर हमने आपके इस सवाल का जवाब आसान शब्दों में देने की कोशिश की है।

लोगों को यह पता है की वेबसाइट क्या है लेकिन यदि कोई web app की बात करे तो कई लोगों को समझ में नही आता की आखिर यह है क्या।

जिन्हें इस बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी है तो वो भी इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं की वेबसाइट और वेब एप्लीकेशन में अंतर क्या है?

आज हम आपको web application के बारे में पूरी जानकारी देना चाहते हैं ताकि आपके मन उठ रहे सवालों के जवाब आपको मिल सके।

Web Application क्या है?

वेब एप्लीकेशन या web app एक प्रकार का software program होता है जो की किसी specific functions को perform करने के लिए बनाया गया होता है।

यह वेब सर्वर पर stored होता है और client की तरफ से request भेजे जाने पर client के web browser पर execute होता है।

किसी computer software या कंप्यूटर एप्लीकेशन की तरह ही web app भी अपने यूजर को एक ऐसा environment provide करता है जहाँ user data enter कर पाता है,  और अलग-अलग प्रकार के tasks को भी perform कर पाता है।

Web application को बनाने के लिए स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज का उपयोग होता है जिसमे server-side scripting (जैसे: PHP, ASP आदि) और client-side scripting (जैसे: HTML, jQuery, JavaScript आदि) दोनों शामिल होते हैं।

वेबसाइट और वेब एप्लीकेशन में क्या अंतर है? (Difference Between Website and Web Application in Hindi)

Web application के बारे में जानने के बाद आपके मन में यह सवाल जरुर आ रहा होगा की आखिर website और web app में क्या difference है?

पहले तो हम आपको बता दें की यदि आप किसी वेब एप्लीकेशन को वेबसाइट कहते हैं तो आप गलत नही हैं। क्योंकि यदि आप इन्टरनेट के जरिये अपने web browser में कुछ भी देख रहे हैं तो उसे आप वेबसाइट कह सकते हैं।

लेकिन फिर भी इन दोनों के बीच कुछ न कुछ तो अंतर होगा ही… है न?

अगर हम इनके बीच के अंतर को सिर्फ दो लाइन में इसे समझाएं तो यह कुछ इस प्रकार हो सकता है:

  • वेबसाइट informational होता है।
  • वेब एप्लीकेशन interective होता है।

अब चलिए इसे थोडा विस्तार से समझते हैं:

  • वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य visitors को सिर्फ information provide करना होता है। जैसे अपनी कंपनी, प्रोडक्ट या सर्विस आदि के बारे में लोगों बताना।
  • वेब एप्लीकेशन का goal user से input लेना और interect करना होता है। जैसे visitors से newsletter subscribe कराना, ऑनलाइन image edit करने की सुविधा देना आदि।
  • एक ऐसी वेबसाइट जहाँ one-way communication होता है यानि यूजर उस वेबसाइट के content को देख सकता है, पढ़ सकता है लेकिन कुछ input नही कर सकता और न ही कोई task perform कर सकता है तो उसे वेबसाइट कह सकते हैं।
  • ऐसी वेबसाइट जिससे यूजर interect कर सकते हैं यानि कुछ input कर सकते हैं क्या कोई function perform कर सकते हैं, तो इसे web application कहा जा सकता है।
  • Website के contents static होते हैं।
  • वेब एप्प के contents dynamic होते हैं। इसके कुछ हिस्से static भी हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें: वेबसाइट और ब्लॉग में क्या अंतर है? आपको क्या बनाना चाहिए? Website Vs Blog in Hindi

Web Apps के कुछ उदाहरण – (Examples of Web applications)

  • Facebook: सोशल मीडिया साईट जिसका उपयोग आप हर रोज करते हैं यह भी एक वेब एप्प है।
  • Gmail: ईमेल भेजना और प्राप्त करना Gmail से बहुत ही आसान है। और यह वेब एप्लीकेशन का एक बेहतरीन उदाहरण है।
  • Google Docs: इसके जरिये हम online documents create कर सकते हैं उसे download कर सकते हैं, प्रिंट कर सकते हैं या Google drive में save कर सकते हैं।
  • Pixlr: यह online image editing website है जिसपर आप अपनी फोटो अपलोड कर एडिट कर सकते हैं।
  • Netflix: Online video streaming के लिए इसका बहुत ज्यादा उपयोग होता है। इससे आप अपनी मनचाही video series कभी भी कहीं भी देख पाते हैं।
  • Codepen: ऑनलाइन code editor की बात करें हम तो यह बहुत ही बढ़िया जगह है जहाँ आप अपने कोड को लिखकर save कर सकते हैं, online exceute कर सकते हैं और दोस्तों के साथ share भी कर सकते हैं।

इन्टरनेट पर ऐसे हजारों web applications हैं और सभी के बारे में बता पाना मुश्किल है। आप जब नेट सर्फिंग कर रहें हो तो आपको ऐसी कई सारी sites देखने को मिलेंगी जो की web app के रूप में अपने users को कुछ न कुछ service provide कर रहे होंगे।

वेब एप्लीकेशन कैसे काम करता है? how a web application works?

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आप ऊपर diagram देखकर समझ सकते हैं की web application कैसे काम करता है। चलिए इसे step-by-step समझते हैं:

  • Step 1: इस process में सबसे पहले client यानि user अपने browser से web server को किसी content या page के लिए request send करता है।
  • Step 2: वेब सर्वर उस request को application server को भेज देता है जहाँ पर वह कंटेंट या पेज मौजूद होता है।
  • Step 3: एप्लीकेशन सर्वर request के अनुसार कुछ task perform करता है और आने वाले result (data) को वेब सर्वर को भेज देता है।
  • Step 4: अब web server उस data को client के वेब ब्राउज़र को send कर देता है।

यहाँ पर इस बात को भी समझना चाहिए की web application में static और dynamic दोनों प्रकार के pages हो सकते हैं और इन दोनों pages का process अलग-अलग तरीके से होता है।

Application server को static pages में कुछ भी changes करने की जरुरत नही पडती यह सीधे क्लाइंट को भेज दिया जाता है। लेकिन dynamic page को generate करने के लिए कुछ functions perform करने पड़ते हैं और उसके बाद जो output आता है उसे क्लाइंट को भेजा जाता है।

वेब एप्लीकेशन के क्या फायदे हैं? (Advantages of web applications in Hindi)

  • यह multiple platforms पर बड़ी आसानी से चल जाता है क्योंकि यह operating system पर depend नही करता यह browser based होता है।
  • इसे install करने की जरुरत नही पड़ती।
  • यह यूजर के हार्ड डिस्क में स्टोर नही होता है इसलिए स्पेस की कोई समस्या नही होती।
  • हर यूजर या device के लिए अलग-अलग updates देने की जरुरत नही पडती, एक बार सर्वर में इसे update कर दिया जाए तो सारे users उसी version को user कर पाते हैं।
  • इसमें software pairacy जैसी समस्याएं कम होती हैं।
  • अधिकतर web applications को काम करने के लिए ज्यादा RAM और अन्य specifications की जरुरत नही पडती।
  • इसके लिए mantanace cost कम लगता है इसलिए यह किसी भीorganization के सस्ता होता है।
  • यह HTML, CSS जैसे languages से बनता है जिन्हें सीखना बहुत ही आसान है।

वेब एप्लीकेशन के क्या नुकसान हैं? (disadvantages of web applications in Hindi)

  • इसके लिए इन्टरनेट कनेक्शन का होना अनिवार्य है।
  • यह operating system पर नही चलता इसलिए इसमें system resources जैसे memory, cpu, file system आदि को access करने में कुछ limitations होते हैं।
  • अगर आप web app पर काम कर रहे हैं और browser crash हो जाये तो आपके unsaved process खत्म हो जाते हैं।
  • एक single app सारे devices में दिखाई देते हैं इसलिए इसे responsive होना बहुत जरुरी है ताकि सारे devices जैसे desktop, tablet, mobile आदि में बिना किसी परेशानी के दिखाई दे सके।

जैसे-जैसे इन्टरनेट की उपयोगिता बढती जा रही वैसे-वैसे web application development का काम तेज गति से बढ़ता जा रहा है। आज लगभग हर बड़ी से बड़ी आर्गेनाइजेशन अपने बिज़नेस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहती है और उनकी समस्याओं को सुलझाने और काम को आसान बनाने के लिए कम से कम खर्च में एक ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहती है जो सभी के लिए उपलब्ध हो। और इसके लिए web application बहुत ही बेहतरीन जरिया है।

Vivek Vaishnav
Vivek Vaishnav

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4 Comments

  1. Sir plzz provide a easy process to comment.
    Bahut se user comment karna chahte hain but process thoda complex hone ki vajah se nhi karte hain.
    And last me thanks kahna chahunga aaj mere Bahut se confusion khtm ho gye.

    • सुझाव के लिए धन्यवाद राकेश जी, हम बिलकुल कोशिश करेंगे.

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